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निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांग सहायता योजना: पंजीकृत श्रमिकों के लिए आर्थिक सुरक्षा
निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांग सहायता योजना: पंजीकृत श्रमिकों के लिए आर्थिक सुरक्षा (उत्तर प्रदेश सरकार की एक पहल)
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। योजना के माध्यम से यदि किसी पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु हो जाती है या वह गंभीर रूप से दिव्यांग हो जाता है, तो सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे प्रभावित परिवार अपनी जीवनचर्या को बनाए रख सके।
मुख्य विशेषताएं
- लाभार्थी
यह योजना केवल उन्हीं श्रमिकों के लिए लागू है जो उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं। - मृत्यु सहायता
यदि पंजीकृत श्रमिक की सामान्य परिस्थितियों में मृत्यु होती है, तो सरकार ₹2 लाख की सहायता राशि देती है।
दुर्घटना में मृत्यु होने पर यह राशि ₹4 लाख तक हो सकती है। - दिव्यांग सहायता
किसी दुर्घटना के कारण यदि श्रमिक पूर्णतः दिव्यांग हो जाता है, तो उसे ₹4 लाख तक की राशि दी जाती है।
आंशिक दिव्यांगता की स्थिति में यह राशि ₹1 लाख से ₹2 लाख तक हो सकती है, दिव्यांगता के प्रतिशत के अनुसार। - पात्रता
- श्रमिक उत्तर प्रदेश राज्य का निवासी होना चाहिए।
- पंजीकरण की अवधि कम से कम 1 वर्ष होनी चाहिए।
- दुर्घटना कार्यस्थल पर हुई हो या कार्य से संबंधित हो, तो प्राथमिकता दी जाती है।
- आवेदन प्रक्रिया
- आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से किया जा सकता है।
- आवश्यक दस्तावेज जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, मेडिकल रिपोर्ट, FIR (यदि हो), बैंक पासबुक, आधार कार्ड आदि जमा करने होते हैं।
- आवेदन की समीक्षा के बाद बोर्ड द्वारा सहायता राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
https://www.bharatupdatenews.com/nirmaan-kamgar-mrityu-divyang-sahayta-yojana-up
योजना के लाभ
- आर्थिक सहायता का सुरक्षा कवच
श्रमिकों के परिवार को आर्थिक रूप से सहारा मिलता है, जिससे वे आपातकालीन परिस्थितियों से उबर सकें। - सामाजिक सुरक्षा का भाव
यह योजना श्रमिकों को यह विश्वास दिलाती है कि कठिन समय में सरकार उनके साथ खड़ी है। - बोर्ड में पंजीकरण को बढ़ावा
योजना से मिलने वाले लाभ पंजीकरण को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे अधिक से अधिक श्रमिक औपचारिक क्षेत्र में शामिल होते हैं। - सामाजिक न्याय और समावेशिता
समाज के कमजोर वर्गों को उचित सहयोग देकर योजना सामाजिक समानता को बढ़ावा देती है।
उत्तर प्रदेश सरकार की अन्य सम्बद्ध योजनाएं
निर्माण कामगारों के हित में उत्तर प्रदेश सरकार कई योजनाएं चला रही है, जैसे:
- श्रमिक पंजीकरण योजना
जिससे श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिले। - श्रमिक शिक्षा सहायता योजना
बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता। - मातृत्व एवं नवजात शिशु सहायता योजना
महिला श्रमिकों को मातृत्व लाभ के अंतर्गत सहायता राशि। - आवास योजना
पंजीकृत श्रमिकों को आवास हेतु सहायता।
योजना की चुनौतियाँ
हालांकि यह योजना अत्यंत सराहनीय है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ हैं:
- जानकारी का अभाव
अनेक श्रमिकों को योजना के बारे में जानकारी नहीं होती। - पंजीकरण में जटिलता
कई बार पंजीकरण की प्रक्रिया श्रमिकों के लिए जटिल लगती है। - दस्तावेज़ीकरण की समस्याएं
ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी दस्तावेज़ों की कमी के कारण लाभ नहीं मिल पाता। - भ्रष्टाचार और देरी
कुछ मामलों में सहायता राशि में देरी या भ्रष्टाचार की शिकायतें भी सामने आती हैं।
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समाधान और सुझाव
- प्रचार-प्रसार बढ़ाया जाए
पंचायत स्तर पर श्रमिक जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं। - डिजिटल प्रणाली को सरल बनाया जाए
श्रमिकों के लिए मोबाइल एप और सरल पोर्टल विकसित किए जाएं। - स्थानीय सहयोगियों की नियुक्ति
श्रमिक मित्र जैसे सहयोगी नियुक्त करके सहायता दी जाए। - निरीक्षण और पारदर्शिता
योजना की नियमित निगरानी और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए।
निष्कर्ष
"निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांग सहायता योजना" उत्तर प्रदेश सरकार की एक संवेदनशील और सामाजिक न्याय आधारित पहल है, जो कमजोर वर्ग के श्रमिकों को सुरक्षा कवच प्रदान करती है। श्रमिकों की जान की कीमत को पहचानते हुए सरकार का यह प्रयास प्रशंसनीय है। यदि इसे अधिक पारदर्शी, सरल और व्यापक तरीके से लागू किया जाए, तो यह लाखों श्रमिक परिवारों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है।
सरकार, समाज और स्वयं श्रमिकों को मिलकर इस योजना का भरपूर लाभ उठाना चाहिए ताकि एक समावेशी और सुरक्षित श्रम बाजार का निर्माण हो सके।


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