चेक: परिभाषा और प्रकार
चेक: परिभाषा और प्रकार
बैंकिंग प्रणाली में 'चेक' एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो भुगतान करने और प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्रकार का दस्तावेज़ होता है जिसमें खाता धारक किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को एक निश्चित राशि देने का आदेश देता है।

परिचय

बैंकिंग प्रणाली में 'चेक' एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो भुगतान करने और प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्रकार का दस्तावेज़ होता है जिसमें खाता धारक किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को एक निश्चित राशि देने का आदेश देता है। चेक का उपयोग व्यापारिक लेनदेन से लेकर व्यक्तिगत भुगतान तक विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इस लेख में, हम चेक और उनके विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

चेक की परिभाषा

चेक एक लिखित आदेश होता है जो बैंक को एक निर्दिष्ट राशि का भुगतान करने का निर्देश देता है। चेक तीन प्रमुख पक्षों के बीच संबंध स्थापित करता है:

  1. द्रौही (Drawer): वह व्यक्ति जो चेक जारी करता है।
  2. द्रौहीता (Drawee): वह बैंक जिसके ऊपर चेक खींचा जाता है।
  3. प्राप्तकर्ता (Payee): वह व्यक्ति या संस्था जिसे भुगतान किया जाता है।

चेक के प्रकार

चेक कई प्रकार के होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न परिस्थितियों में किया जाता है। निम्नलिखित प्रमुख प्रकार के चेक हैं:

1.      ओपन चेक (Open Cheque): इस प्रकार का चेक बियरर चेक भी कहलाता है। इसमें "या बियरर" शब्द होते हैं, जिसका अर्थ है कि जो भी व्यक्ति इस चेक को बैंक में प्रस्तुत करेगा, उसे भुगतान कर दिया जाएगा। यह अत्यधिक असुरक्षित होता है क्योंकि कोई भी व्यक्ति इस चेक को भुना सकता है।

 

2.      क्रॉस्ड चेक (Crossed Cheque): इस चेक पर दो आड़ी रेखाएँ खींची जाती हैं। यह चेक केवल बैंक में जमा करने के लिए होता है और नकद भुगतान नहीं किया जा सकता। यह चेक सुरक्षित होता है क्योंकि भुगतान सीधे प्राप्तकर्ता के खाते में जाता है।

 

3.      ऑर्डर चेक (Order Cheque): इस चेक पर "या बियरर" शब्दों के स्थान पर "या ऑर्डर" लिखा होता है। इसमें प्राप्तकर्ता का नाम स्पष्ट रूप से लिखा होता है, और बैंक केवल उसी व्यक्ति को भुगतान करता है जिसका नाम चेक पर लिखा होता है।

 

4.      बैंकर चेक (Banker’s Cheque): इस चेक को बैंक द्वारा जारी किया जाता है और इसे नकद के बदले में प्राप्त किया जा सकता है। इसका उपयोग बड़ी राशियों के सुरक्षित भुगतान के लिए किया जाता है और यह सीमित समय के लिए मान्य होता है।

 

5.      ट्रैवेलर्स चेक (Traveller’s Cheque): यह चेक यात्रियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया होता है। यह चेक किसी भी बैंक में नकद में बदला जा सकता है और इसे यात्रा के दौरान नकदी के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है।

 

6.      पोस्ट-डेटेड चेक (Post-dated Cheque): इस चेक पर भविष्य की तिथि लिखी होती है। इसे उसी तिथि पर या उसके बाद ही प्रस्तुत किया जा सकता है। यह चेक आमतौर पर किश्तों में भुगतान करने के लिए उपयोग किया जाता है।

 

7.      स्टेल चेक (Stale Cheque): जब कोई चेक तीन महीने से अधिक पुराना हो जाता है, तो उसे स्टेल चेक कहा जाता है। ऐसे चेक को बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता।

निष्कर्ष

चेक एक महत्वपूर्ण वित्तीय उपकरण है जो लेनदेन को सरल और सुरक्षित बनाता है। विभिन्न प्रकार के चेक अलग-अलग उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं और उनकी विशेषताएँ उन्हें विशिष्ट बनाती हैं। चाहे वह ओपन चेक हो, क्रॉस्ड चेक हो, या ट्रैवेलर्स चेक हो, हर प्रकार का चेक अपनी भूमिका निभाता है और वित्तीय प्रणाली में अपनी जगह रखता है। चेक के सही उपयोग और उनकी प्रकारों की जानकारी होने से हम अपनी वित्तीय गतिविधियों को अधिक प्रभावी और सुरक्षित बना सकते हैं।

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